चिंतन जरुरी है

हमारे देश में रहने वाले विभिन्न लोगों को क्या क्या अधिकार मिले हैं ?
1.रोजगार के नाम पर पेशा है "अवैध बूचड़खानों का संचालन  "

चाहत है की नियम विरुद्ध कार्यों को बंद करने से पहले 15 दिन की सूचना देनी चाहिए थी ।

सभी हड़ताल पर क्योंकि उनका अवैध रोजगार छिन गया है  ।

सामान्य जनमानस की विवशता -मुह बंद करके बाजार से निकलना ,बीमारियों का भय ,पर्यावरण प्रदुषण ,नदियों व् जमीन के जल का प्रदूषित होना ।

2.रोजगार के नाम पर पेशा है "कश्मीर में पत्थरबाजी "

अनुभव :8 से 9 वर्ष का पेशेवर पत्थरबाजी का अनुभव ।
आय का साधन :पत्थरबाजी और पेट्रोल बम बनाना ।
स्रोत :आज तक खबर दिनांक 29मार्च 2017 ।

नुकसान :सामान्य जनमानस के बच्चों की पढ़ायी में व्यवधान और कारोबार प्रभावित ।
सेना में कार्यरत हमारे अपने लोगों की आंतरिक शान्तिभंग के कारण शहादत ।उनके लिए मानवाधिकारों का दूर दूर तक कोई पता नहीं ।

3.राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम् " कहना संविधान के अनुसार जरुरी नहीं -मेरठ के कुछ पार्षद ।

पार्षद विवाद मेरठ उत्तर प्रदेश ।
एबीपी समाचार दिनांक 29 मार्च 2017

4.रोजगार के नाम पर धंधा है "ठेके पर नक़ल कराना "

नक़ल बंद की कार्यवाही प्रारम्भ ,नक़ल के कारोबार में संलिप्त भी बेरोजगार ।

साथियों यह कैसा मजाक है हमारे शिक्षित व् योग्य बेरोजगारों के साथ ।
एक समाचार चैनल को अवैध बूचड़खाने के कारोबार में लिप्त व् कश्मीर के पेशेवर पत्थरबाज  लोगों के बेरोजगार होने कि बहुत चिंता है लेकिन देश के बेरोजगार शिक्षित तकनीकी/ प्रोफेशनल डिप्लोमा व् डिग्री धारकों की कोई चिंता नहीं ।

गलत कार्य में संलिप्त लोग हड़ताल पर और शिक्षित युवा भ्रम और अवसाद की स्तिथि में , यह हमारा दुर्भाग्य ही है ।

क्या देश को अपनी नीतियां बदलनी नहीं होंगी और कठोर निर्णय नहीं लेने होंगें जैसे -
1.समस्त भारतीय नागरिकों /मतदाताओं और भारत में रहने वालों को अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय गीत , राष्ट्रगान और राष्ट्रीय झंडे तिरंगे    का सम्मान करना होगा ।ऐसा कानून बनाया जाय ।

2.अवैध कार्यों अथवा कानून विरुद्ध कार्यों में संलिप्त लोगों के हड़ताल करने  पर कठोर दंड की व्यवस्था करना जिससे ऐसे लोगों पर कार्यवाही की जाय ।

3.समस्त जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा सभी मीट की दुकानों व् बूचड़खानों की सूचि तैयार की जानी चाहिए और सभी को एक नोटिस भेजना चाहिए "अपने बूचड़खाने  के कानूनी पंजीकरण " के समस्त दस्तावेज एक सप्ताह में सम्बंधित जिलाधिकारी को प्रस्तुत करें अन्यथा उपरोक्त वर्णित कारणों के लिए विभिन्न कानूनी धाराओं में कार्यवाही की जायेगी ।
4.समस्त अवैध कारोबारी बेरोजगार हो रहे हैं तो उनकी चिंता कुछ समाचार चैनलों को क्यों हो रही है ?
क्या ऐसे लोगों जो अवैध कारोबार से जुड़े हैं के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए ?

कुछ ऐसा किया जाना क्या आवश्यक प्रतीत नहीं होता है ?

चिंतन जरुरी है ।

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